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Friday, 11 January 2013



माँ
 
दिल की जो बाते हैं
जुवाँ पे कैसे लाऊँ माँ
तु तो चली गई हैं,  
अब वह प्यार कहाँ से लाऊँ माँ 

तेरे बिना लगे घर सुना,
 कुछ ना लगे प्यारा माँ
जाने कहाँ तु चली गई हैं
बन कर चाँद-सितारा माँ
 
 
 
 
सपऩो में आकर
आँखों में नमी दे जाती तु माँ
रोके ऩा रूके ये आँसु,  
तेरी याद सताती हैं माँ
अकेले तनहाई में
तु नजर आती हैं माँ
पर पलक झपकतें ही,  
आँखों से ओझल हो जाती तु माँ 
ना जाने क्यों ऐसा लगता,  
तु लौट कर आयेगी माँ
 हर दर्द दुर हटेगा,
फिर से खुशियाँ छायेगी माँ 

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